Rajasthan ke Mele PDF Download in Hindi

 दोस्तों आज Rajgk आपके लिये Rajasthan GK in Hindi me Rajasthan ke mele pdf share कर रहे है, जो की General Knowledge (सामान्य ज्ञान) से सम्बंधित है. इस PDF Ebook में Rajasthan ke मेलो का  सामान्य ज्ञान आपको पढने को मिलेगा.

इस PDF Notes का Credit S. R. Khand को जाता है. जो छात्र Competitive Exam की तैयारी कर रहे है उनके लिये “ Raj gk - Rajasthan General Knowledge in Hindi” बहुत ही मददगार साबित होगा. इस पीडीऍफ़ नोट्स में आपको  Rajasthan ke मेलो से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी पढने को मिलेगी. यह PDF Notes आपको RPSC, UPSC, SSC, Rajasthan Police Exam BANK, RAILWAY, IAS, PCS, NDA, CDS और विभिन्न  Competitive Exam के लिये पढना अत्यंत आवश्यक है.

आप इस “ Rajasthan ke mele” PDF Ebook को नीचे Live भी देख सकते है और  General Knowledge (सामान्य ज्ञान) PDF  को Download भी कर सकते है. Raj GK in Hindi का PDF Download करने के लिये Download PDF pr Press करे.

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Rajasthan ke mele pdf Details

Name of The Book : *Rajasthan ke Mele PDF in Hindi*
Document Format: PDF
Total Pages: 25
PDF Quality: Normal
PDF Size: 5 MB
Book Credit: S. R. Khand

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1. बेणेश्वर धाम मेला (डूंगरपुर)

यह मेला सोम, माही व जाखम नदियों के संगम पर मेला भरता है। यह मेला माघ पूर्णिमा को भरता हैं। इस मेले को बागड़ का पुष्कर व आदिवासियों मेला भी कहते है। संत माव जी को बेणेश्वर धाम पर ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

2.घोटिया अम्बा मेला (बांसवाडा)

यह मेला चैत्र अमावस्या को भरता है। इस मेले को “भीलों का कुम्भ” कहते है।

3.भूरिया बाबा/ गोतमेश्वर मेला (अरणोद-प्रतापगढ़)

यह मेला वैशाख पूर्णिमा को भरता हैं। इस मेले को “मीणा जनजाति का कुम्भ” कहते है।

4.चैथ माता का मेला (चैथ का बरवाडा – सवाई माधोपुर)

यह मेला माध कृष्ण चतुर्थी को भरता है। इस मेले को “कंजर जनजाति का कुम्भ” कहते है।

5.गौर का मेला (सिरोही)

यह मेला वैशाख पूर्णिमा को भरता है। इस मेले को ‘ गरासिया जनजाति का कुम्भ’ कहते है।

6.सीताबाड़ी का मेला (केलवाड़ा – बांरा)
यह मेला ज्येष्ठ अमावस्या को भरता है। इस मेले को “सहरिया जनजाति का कुम्भ” कहते है। हाडौती अंचल का सबसे बडा मेला है।

7.पुष्कर मेला (पुष्कर अजमेर)
यह मेला कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। मेरवाड़ा का सबसे बड़ा मेला है। इस मेले के साथ-2 पशु मेले का भी आयोजन होता है जिसे गिर नस्ल का व्यापार होता है। इस मेले को “तीर्थो का मामा” कहते है।

8.कपिल मुनि का मेला (कोलायत-बीकानेर)
यह मेला कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। मुख्य आकर्षण “कोलायत झील पर दीपदान” है। कपिल मुनि सांख्य दर्शन के प्रणेता थे। जंगल प्रेदश का सबसे बड़ा मेला कहलाता है।

9.साहवा का मेला (चूरू)
यह मेला कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। सिंख धर्म का सबसे बड़ा मेला है।

10.चन्द्रभागा मेला (झालरापाटन -झालावाड़)

यह मेला कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। चन्द्रभागा नदी पर बने शिवालय में पूजन होता हैं। इस मेले के साथ-साथ पशु मेला भी आयोजित होता है, जिसमें मुख्यतः मालवी नसल का व्यापार होता है।

11.भर्तहरी का मेला (अलवर)

यह मेला भाद्रशुक्ल अष्टमी को भरता हैं। इस मेले का आयोजन नाथ सम्प्रदाय के साधु भर्त्हरि की तपोभूमि पर होता हैं। भूर्त्हरि की तपोभूमि के कनफटे नाथों की तीर्थ स्थली कहते है। मत्स्य क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है।

12.रामदेव मेला (रामदेवरा-जैसलमेर)

इस मेले का आयोजन रामदेवरा (रूणिचा) (पोकरण) में होता है। इस मेले में आकर्षण का प्रमुख केन्द्र तेरहताली नृत्य है जो कामड़ सम्प्रदाय की महिलाओं द्वारा किया जाता है।

13.बीजासणी माता का मेला (लालसोट-दौसा)
यह मेला चैत्र पूर्णिमा को भरता है।

14.कजली तीज का मेला (बूंदी)

यह मेला भाद्र कृष्ण तृतीया को भरता है।

15.मंचकुण्ड तीर्थ मेला (धौलपुर)

यह मेला अश्विन शुक्ल पंचमी को भरता है। इस मेले को तीर्थो का भान्जा कहते है।

16.वीरपुरी का मेला (मण्डौर – जौधपुर)

यह मेला श्रावण कृष्ण पंचमी को भरता है। श्रावण कृष्ण पंचमी को नाग पंचमी भी कहते है।

17.लोटियों का मेला (मण्डौर -जोधपुर)

यह मेला श्रावण शुक्ल पंचमी को भरता है।

18.डोल मेला (बांरा)

यह मेला भाद्र शुक्ल एकादशी को भरता है। इस मेले को श्री जी का मेला भी कहते हैं ।

19.फूल डोल मेला (शाहपुरा- भीलवाडा)

यह मेला चैत्र कृष्ण एकम् से चैत्र कृष्ण पंचमी तक भरता है।

20.अन्नकूट मेला (नाथ द्वारा- राजसंमंद)

यह मेला कार्तिक शुक्ल एकम को भरता है। अन्नकूट मेला गोवर्धन मेले के नाम से भी जाना जाता है।

21.भोजनथाली परिक्रमा मेला (कामा-भरतपुर)

यह मेला भाद्र शुक्ल दूज को भरता है।

22.श्री महावीर जी का मेला (चान्दनपुर-करौली)

यह मेला चैत्र शुक्ल त्रयोदशी से वैशाख कृष्ण दूज तक भरता है। यह जैन धर्म का सबसे बड़ा मेला है। मेले के दौरान जिनेन्द्ररथ यात्रा आकर्षण का मुख्य केन्द्र होती है।

23.ऋषभदेव जी का मेला (धूलेव-उदयपुर)

मेला चैत्र कृष्ण अष्टमी (शीतलाष्टमी) को भरता है। जी को केसरिया जी, आदिनाथ जी, धूलेव जी, तथा काला जी आदि नामों से जाना जाता है।

24.चन्द्रप्रभू का मेला (तिजारा – अलवर)

यह मेला फाल्गुन शुक्ल सप्तमी को भरता हैं यह भी जैन धर्म का मेला है।

25.बाड़ा पद्य्पुरा का मेला (जयपुर)

यह भी जैन धर्म का मेला है।

26.रंगीन फव्वारों का मेला (डींग-भरतपुर)

यह मेला फाल्गुन पूर्णिमा को भरता है।

27.डाडा पम्पा राम का मेला (विजयनगर-श्रीगंगानगर)

यह मेला फाल्गुन माह मे भरता है।

28.बुढ़ाजोहड़ का मेला (डाबला-रायसिंह नगर-श्री गंगानगर)

श्रावण अमावस्या को मुख्य मेला भरता है।

29.वृक्ष मेला (खेजड़ली- जोधपुर)

यह मेला भाद्र शुक्ल दशमी को भरता है। भारत का एकमात्र वृक्ष मेला है।

30.डिग्गी कल्याण जी का मेला (टोंक)

कल्याण जी विष्णु जी के अवतार माने जाते है। कल्याण जी का मेला श्रावण अमावस्या व वैशाख में भरता है।

31.गलता तीर्थ का मेला (जयपुर)

यह मेला मार्गशीर्ष एकम् (कृष्ण पक्ष) को भरता है। रामानुज सम्प्रदाय की प्रधान पीठ गलता (जयपुर) में स्थित है।

32.माता कुण्डालिनी का मेला (चित्तौडगढ)

यह मेला चित्तौडगढ के राश्मि नामक स्थान पर भरता है। मातृकुण्डिया स्थान को राजस्थान का हरिद्वार कहते है।

33.गणगौर मेला (जयपुर)

यह मेला चैत्र शुक्ल तृतीयया को भरता है। जयपुर का गणगौर मेला प्रसिद्ध है। बिन ईसर की गवर, जैसलमेर की प्रसिद्ध है। जैसलमेर में गणगौर की सवारी चैत्र शुक्ल चतुर्थी को निकाली जाती है।

34.राणी सती का मेला (झुनझुनू)

यह मेला भाद्रपद अमावस्या का भरता था। इस मेले पर सती प्रथा निवारण अधिनियम -1987 के तहत् सन 1988 को रोक लगा दी गई।

35.त्रिनेत्र गणेश मेला (रणथम्भौर -सवाई माधोपुर)

यह मेला भाद्र शुक्ल चतुर्थी को भरता है।

36.चुन्धी तीर्थ का मेला (जैसलमेर)

श्री गणेश जी से संबंधित मेला है। “हेरम्भ गणपति मंदिर” बीकानेर में है। इस मंदिर में गणेश जी को शेर पर सवार दिखाया गया है।

37.मानगढ़ धान का मेला (बांसवाडा)

यह मेला आश्विन पूर्णिमा को भरता है। गोविंद गिरी की स्मृति मे भरता है।

38.खेतला जी का मेला (पाली)

यह मेला चैत्र कृष्ण एकम् को भरता है।

Rajasthan ke Mele FAQ

Q 1 -राजस्थान का सबसे बड़ा पशु मेला कौन सा है?
Ans - श्री वीर तेजाजी पशु मेला परबतसर नागौर यह पशु मेला आमदनी के लिए प्रदेश का सबसे बड़ा मेला है।

Q 2 - राजस्थान के प्रमुख मेले कौन कौन से हैं?
  • Ans - बेणेश्वर धाम मेला (डूंगरपुर)
  • घोटिया अम्बा मेला (बांसवाडा)
  • भूरिया बाबा/ गोतमेश्वर मेला (अरणोद-प्रतापगढ़)
  • चैथ माता का मेला (चैथ का बरवाडा – सवाई माधोपुर)
  • गौर का मेला (सिरोही)
  • चन्द्रभागा मेला (झालरापाटन -झालावाड़)
  • भर्तहरी का मेला (अलवर)
  • रामदेव मेला (रामदेवरा-जैसलमेर)

Q 3 - बीकानेर में कौन सा मेला लगता है?
Ans - राजस्थान अपने कई त्योहारों के लिए जाना जाता है, यहां हमेशा ही कोई ना कोई त्यौहार और पर्व या मेले का आयोजन होता रहता है,जैसे पुष्कर मेला, गणगौर उत्सव आदि। इसी क्रम में जल्द ही गुलाबी सर्दी के बीच बीकानेर में ऊंट मेला आयोजित होने वाला है।

Q 4 - नागौर पशु मेला कब लगता है?
Ans - नागौर पशु मेला राजस्थान के नागौर]] में लगता है। यह मेला जनवरी-फरवरी माह में लगता है। इस मेले का आयोजन काफी बड़े स्तर पर किया जाता है।

Q 5 - पशु मेला कब लगता था?
Ans - जिले में हर रविवार को पशु मेला लगता है जिसमें किसान व व्यापारी पशुओं की खरीद- फरोख्त करते हैं। हर रविवार को मेले में लगभग 2 हजार पशु बिकने व खरीदने के लिए आते हैं। इससे सरकार को प्रति वर्ष लाखों रुपये की आय होती है। इसके अलावा क्षेत्र में दुधारू पशुओं का रेट में किसानों को बढि़या मिलता है।

Q 6 - दुनिया का सबसे बड़ा मेला कौन सा है?
Ans - सोनपुर मेला बिहार के सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) में लगता हैं। यह एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला हैं। मेले को 'हरिहर क्षेत्र मेला' के नाम से भी जाना जाता है जबकि स्थानीय लोग इसे छत्तर मेला पुकारते हैं।

Q 7 - राजस्थान में बैलगाड़ी मेले के नाम से कौन सा मेला प्रसिद्ध है?
Ans - शीतला माता के मन्दिर का निर्माण जयपुर के शासक महाराजा माधोसिंह जी ने करवाया था। यह मेला बैलगाड़ी मेले” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि दूर – दूर से ग्रामीण लोग अपनी बैलगाड़ियों को रंगबिरँगे कपड़ों से सजाकर उनमे सवार होकर मेले में पहुँचते है।

Q 8 - सोनपुर मेला में क्या क्या बिकता है?
Ans - इस मेले में हाथी, घोड़े,ऊंट, कुत्ते, बिल्लियां और विभिन्न प्रकार के पक्षियों सहित कई दूसरी प्रजातियों के पशु-पक्षियों का बाजार सजता था.

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