राजस्थान में माताओं के मेले
राजस्थान में माताओं के मेले Rajasthan Ke Mele Part 4 |
नागणेची का मेला बीकानेरा - यह मेला नवरात्रों में लगता है ।
वीरातरा माता का मेला - बाड़मेर ।
यह मेला चैत्र भाद्र माघ चौदस में भरता है ।सीतामाता मेला - प्रतापगढ ।
धनोप माता का मेला - भीलवाडा ।
ब्राह्मणी माता का मेला - सोरसन ग्राम बारा ।
ब्रह्माणी माता का मेला हाडौती कस्बे का एकमात्र गधों का मेला है ।
चौथ माता का मेला - चौथ का बरवाड़ा (सवाई माधोपुर) ।
कैलादेवी का लक्खी मेला - करौली ।
यह मेला चैत्र शुक्ल एकम् से दशमी को भरता है ।यह मार्च-अप्रेल में भरता है ।
इस दिन लांगुरिया के गीत गाये जाते है ।
लाखों भक्त मेले में आते है अत: यह लक्खी मेला कहलाता है ।
नारायणी माता का मेला - सरिस्का ( अलवर) ।
यह मेला बैशाख शुक्ल एकादशी को भरता है ।
जिलाणी माता का मेला - अलवर ।
शीतला माता का मेला - चाकसू (जयपुर)
शीतला माता के मन्दिर का पुजारी कुम्हार जाति का होता है ।
राजस्थान में सेढ़ल माता और शीतला एक ही है ।
बाणमाता मेला विराटनगर/ बैराठ (जयपुर) ।
खलकानी माता का मेला - जयपुर ।
रानी सती का मेला झुंझुनूं ।
मार्च 1988 में भारत सरकार द्वारा सती (निवारण) अधिनियम पारित कर देने के पश्चात् इस मेले पर भी रोक लगा दी गई ।
साण्डन कालका माता का मेला - चूरू ।
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