Humayun History In Hindi
बाबर के सबसे बड़े पुत्र हिमायू का जन्म 6 मार्च 1508 को काबुल में हुआ 1526 में हिमायू को हिसार फिरोजाबाद तथा फिर संभल की जागीरें दी गई 30 दिसंबर 1530 ईसवी को नसीरुद्दीन हुमायूं भारत का शासक बना साम्राज्य का बटवारा करते हुए कामरान को काबुल में कंधार के प्रदेश तथा हिंदाल को मेवाड़ प्रदेश दिया
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Humayun ka Itihas in Hindi -हुमायूँ एक मुगल शासक |
कालिंजर विजय 1531
- इस युद्ध में हुमायूं ने कालिंजर के शासक प्रताप रुद्रदेव को हरा शासक बनने के बाद यह उसकी प्रथम विजय थी
दोराहा का युद्ध 1532
- हिमायू ने अफगानों को हराया इस युद्ध में अफगानों का नेतृत्व महमूद लोदी ने किया
चुनार का प्रथम गिरा 1532
- यह किला शेरशाह सूरी के नियंत्रण में था
गुजरात विजय 1535
- इस समय गुजरात का शासक बहादुर शाह था हिमायू ने बहादुर शाह को 1534 के चंपानेर युद्ध और 1534- 35 में मंदसौर युद्ध में पराजित कर गुजरात पर अधिकार कर लिया था
- बंगाल विजय 1538 इस समय बंगाल का शासक मुहम्मद शाह था
चौसा युद्ध 29 जून 1539
- इस युद्ध में शेरशाह ने हुमायूं को पराजित कर दिया इस युद्ध के दौरान निजाम सक्का नामक व्यक्ति ने हिमायू को कर्मनाशा गंगा नदी में डूबने से बचाया था इसलिए हिमायू ने 1556 में निजाम सक्का को 1 दिन का भारत का बादशाह बनाया था इस 1 दिन में शासनकाल में निजाम सक्का ने चमड़े के सिक्के चलाए थे
कन्नौज बिलग्राम युद्ध 17 मई 1540
- हिमायू और शेरशाह के मध्य इस युद्ध में हिमायू की पराजय हुई और उसे भारत छोड़कर भागना पड़ा
हिमायू का पलायन काल 1540 से 1555 तक
- इस समय हिमायू को ईरान के शासक ने सहायता दी थी
माछीवाड़ा का युद्ध 1555
- हिमायू और सिकंदर सूर के सेनानायक ततार खान के मध्य इस युद्ध में हिमायू की विजय हुई और इस विजय के बाद हिमायू का पंजाब पर अधिकार हो गया
सरहिंद का युद्ध 1555
- हिमायु और सिकंदर सूर के मध्य इस युद्ध में हिमायु की विजय हुई इस युद्ध के बाद हिमायू ने दिल्ली पर अधिकार कर लिया 14 जून 1555 को हिमायू एक बार फिर से दिल्ली के तख्त पर बैठा 24 जनवरी 1556 को पन्हाला भवन स्थित पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने के कारण 26 जनवरी 1556 को हिमायू की मृत्यु हो गई मृत्यु के संदर्भ में लेन पुल नामक विद्वान का कथन है कि हिमायू जीवन भर लड़खड़ाता रहा और अंत में उसकी मृत्यु भी लड़खड़ाते हुए हुई
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