प्रमुख लोक देवताओं के मेले
जसनाथ जी का मेला - यह मेला कतरियासर (बीकानेर) में लगता है ।
जाम्भोजी का मेला - यह मेला मुकाम (नोखा) (बीकानेर) में लगता है
- यह फाल्गुन एवं आश्विन अमावस्या में लगता है ।
- यह बिश्नोई सम्प्रदाय का मेला है ।
- यह मेला वर्ष में दो बार भरता है ।
रामदेवरा का मेला - यह मेला पोकरण (जैसलमेर) में लगता है
पनराज जी का मेला जैसलमेर ।
मल्लीनाथ पशु मेला - यह तिलवाड़ा (बाडमेर) में लगता है ।
- यह मेला चैत्र कृष्ण एकादशी से चैत्र शुक्ल एकादशी में लगता है ।
- मल्लीनाथ पशु मेला लूनी नदी पर आयोजित होता है ।
वीर फता जी का मेला सांथू गाँव ( जालौर) ।
ऋषभदेव/केसरियानाथ जी का मेला - धुलैव (उदयपुर)
गोतमेश्वर मेला आरनोद (प्रतापगढ)
- यह मेला प्रतिवर्ष बैशाख पूर्णिमा को लगता है ।
- गोतमेश्वर नामक स्थल पर गौतम ऋषि ने तपस्या की थी ।
- आदिवासी इस मेले के अवसर पर अपने दिवंगत परिवारजनों की अस्थियों को विसर्जित करते है ।
देवनारायण जी का मेला आसीन्द ( भीलवाडा) ।
यह मेला भाद्र शुक्ल अष्टमी को लगता है ।सवाई भोज मेला आसींद ( भीलवाडा) ।
देव बाबा का मेला नगला जहाज (भरतपुर) ।
आषाद सुदी 8 से 13 तक भरता है । जगन्नाथ जी का मेला रूपवास ( अलवर) ।
मामदेव का मेला - स्यालोदड़ा गांव (सीकर) ।
बाबा झुंझार जी का मेला - स्यालोदड़ा गाँव( सीकर) ।
गोगामेडी मेला गोगामेडी (हनुमानगढ)
वीर तेजाजी का पशु मेला - परबतसर नागौर ।
यह मेला भाद्र शुक्ल पक्ष की दशमी को भरता है ।यह मेला नागौरी बैल से सम्बन्धित है ।
आय की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बडा मेला है ।
पाबूजी का मेला - जोधपुर ।
माकड़ जी का मेला अजमेर ।
यह मेला आषाढ शुक्ल द्वितीया को भरता है ।माकड़ जी का मेला अजमेर ।
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