किसी भी वस्तु को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने की से ले प्रक्रिया ही 'परिवहन' कहलाती है। वर्तमान में परिवहन के साधनों के विस्तार को आर्थिक समृद्धि का सूचक माना जाता है। सामान्यतः परिवहन को मुख्यतः 4 भागों में विभक्त किया जाता है।
- स्थल परिवहन
- जल परिवहन
- वायु परिवहन
- पाइपलाइन परिवहन
राजस्थान में परिवहन - Rajasthan Rajya me Parivahan
राजस्थान में परिवहन - Rajasthan Rajya me Parivahan |
राजस्थान राज्य में सड़क परिवहन
स्वतन्त्रता प्राप्ति के समय राज्य में सड़कों की स्थिति काफी असंतोषजनक थी । वर्ष 1949 में राज्य में सड़कों की कुल लम्बाई 13,553 किमी. थी। उस समय सड़कों का घनत्व मात्र 3.96 किमी./100 वर्ग किमी. तथा एक लाख जनसंख्या पर मात्र 85.24 किमी. सड़कें थी, जो मार्च, 2019 तक बढ़कर 264244.05 किमी. हो गई है। अब राज्य में सड़कों का घनत्व 31 मार्च, 2019 तक 77.21 किमी. प्रति 100 वर्ग किमी. है, जबकि राष्ट्रीय घनत्व 143.09 है। राज्य में प्रति लाख जनसंख्या पर सड़कों की लम्बाई 345.36 किमी. है, जबकि देश में 436.38 है। राजस्थान में दिसम्बर, 2019 तक लगभग 89.90% गाँव बी.टी. (डामर) की सड़कों से जुड़े हुए हैं।
राज्य में 31.03.2019 तक सड़कों की लम्बाई
वर्गीकरण |
डामर |
मैटल |
ग्रेवल |
मौसमी |
योग (किमी.) |
राष्ट्रीय राजमार्ग |
9585.13 |
0.00 |
8.00 |
1006.54 |
10599.67 |
राज्य राजमार्ग |
15452.21 |
4.20 |
13.00 |
48.10 |
15517.51 |
मुख्य जिला सड़क |
8547.69 |
1.00 |
55.25 |
153.81 |
8757.75 |
अन्य जिला सड़क |
45066.80 |
3182.74 |
483.78 |
4698.31 |
53431.63 |
ग्रामीण सड़क |
135275.51 |
1759.55 |
36368.86 |
2533.57 |
175937.49 |
महायोग |
213927.34 |
4947.49 |
36928.89 |
8440.33 |
264244.05 |
राज्य में सर्वप्रथम टोंक से 1952 में राजकीय बस सेवा शुरू हुई। राजस्थान में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना 25 दिसम्बर, 2000 से प्रारम्भ की गई, तो राजस्थान राज्य ग्रामीण बस सेवा का उद्घाटन 14 दिसम्बर, 2012 उदयपुर बस स्टैण्ड से हुआ। रिडकोर (RIDCOR) - रोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट कम्पनी ऑफ राजस्थान । 25 मई, 2016 को निर्भया फण्ड की मदद से महिला सुरक्षा के लिए देश की पहली पैनिक बटन युक्त 'महिला गौरव एक्सप्रेस बस सेवा' राजस्थान रोड़वेज ने प्रारम्भ की ।
ध्यातव्य रहे- " राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम 44 (RSRTC) " की स्थापना 1 अक्टूबर, 1964 में की गई थी, तो 29 नवम्बर, 2016 को कैबिनेट द्वारा राज्य की पहली सड़क सुरक्षा नीति मंजूर की गई।
राजस्थान में सर्वाधिक सड़कों से जुड़े गाँव श्रीगंगानगर जिले में व पंचायत मुख्यालय उदयपुर में है जबकि सड़कों से जुड़े न्यूनतम गाँव सिरोही जिले में व पंचायत मुख्यालय जैसलमेर जिले में है।
भारत में सड़कों का सर्वाधिक घनत्व केरल में, राजस्थान में सर्वाधिक सड़कों का घनत्व दौसा, राजसमन्द जिले में है जबकि भारत में सड़कों का न्यूनतम घनत्व जम्मू कश्मीर में एवं राजस्थान में सड़कों का न्यूनतम घनत्व जैसलमेर जिले में है।
15 अक्टूबर, 2015 को बूंदी जिले में स्थित प्रदेश की सर्वाधिक लम्बी सड़क सुरंग (1.076 किमी.) का शुभारम्भ कोटा में किया गया, तो कोटा चम्बल नदी पर देश का सबसे बड़ा हैंगिंग पार्ट वाला ब्रिज (350 मीटर) बनाया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग (NH)
राष्ट्रीय राजमार्ग का संचालन केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है एवं इनके निर्माण व रख-रखाव का कार्य 'राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण' (NHAI) करता है। देश की कुल सड़क संबंधी माँग की लगभग 40 प्रतिशत आवश्यकता को राष्ट्रीय राजमार्ग पूरा करते है। ये राजमार्ग प्रमुख बंदरगाहों, विदेशी राजमार्ग, राज्य, केन्द्र शासित प्रदेशों की राजधानियों, बड़े औद्योगिक व पर्यटन केन्द्रों तथा सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थलों को आपस में जोड़ते हैं। वर्तमान में राजस्थान में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग 48 हैं, जिनकी कुल लम्बाई 10599.67 किमी. है, जबकि भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल संख्या-599 है, जिनकी कुल लम्बाई 132500 किमी. है एवं भारत में सड़कों का घनत्व 179.41 किमी. है।
भारत में NH सर्वाधिक लम्बी सड़कों वाले राज्य-
- महाराष्ट्र (17757 किमी.)
- उत्तरप्रदेश (11737 किमी.)
- राजस्थान (10599.67 किमी.)
- मध्यप्रदेश (8772.3 किमी.) है
राजस्थान में NH की सर्वाधिक लम्बी सड़कों वाले जिले-
- बीकानेर (860.57 किमी.),
- बाड़मेर (845.85 किमी.),
- जैसलमेर (788.94 किमी.) है ।
NH की न्यूनतम सड़कों की लम्बाई वाला राज्य सिक्किम है तो NH की न्यूनतम सड़कों की लम्बाई वाले जिले करौली (57 किमी.), सवाईमाधोपुर (58 किमी.) है।
सर्वाधिक राष्ट्रीय राजमार्गों वाला राज्य महाराष्ट्र (97) व उत्तरप्रदेश (81) है तो सर्वाधिक राष्ट्रीय राजमार्गों वाला जिला जयपुर (9) व बाड़मेर (7) है।
सर्वाधिक जिलों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-
- NH 27 (7) सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, बारां
- NH-52 (7)-चुरू, सीकर, जयपुर, टोंक, बूंदी, कोटा व झालावाड़,
- NH-48 (6)-अलवर, जयपुर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर, दूँगरपुर,
- NH-23 (6)-जयपुर, टोंक, दौसा, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर,
- NH-754 K (6)-हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर,
- NH-62 (6) गंगानगर, बीकानेर, नागौर, जोधपुर पाली. सिरोही।
वह राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) जो एक जिले से प्रारम्भ होकर उसी जिले में समाप्त हो जाते हैं- 1. NH-311 (झुंझुनूं), 2. NH-911 A (बीकानेर), 3. NH-925 (बाड़मेर), 4. NH-148 C- जयपुर, 5. NH 248-(जयपुर), 6. NH-448 (अजमेर), 7. NH-156 (चित्तौड़गढ़), 8. NH-968 (जैसलमेर) ।
भारत का सबसे लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-27 (4112.62 किमी.) है, जो पूर्वी-पश्चिमी कोरिडोर के नाम से जाना जाता है। यह पोरबंदर (गुजरात) से सिलचर (असोम) तक जाता है। दूसरा बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग-NH-44 (3745 किमी.) पूर्व नाम NH-7 श्रीनगर से कन्याकुमारी है, तो राजस्थान का सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग-NH 11 (पुराना नाम-NH-15) है, जो म्याजलार (जैसलमेर) से रेवाड़ी (हरियाणा) तक जाता है, जिसकी कुल लम्बाई 847.50 किमी. है, जबकि राजस्थान में 759.7 किमी. है, तो राजस्थान का दूसरा NH-48 स्वर्णिम चतुर्भुज (GQ) (732 किमी.), तीसरा- NH-52 (706.6 किमी.) तथा चौथा-NH-62 (699 किमी.) है ।
भारत का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग NH-327 (1.2 किमी.) पश्चिम बंगाल, दूसरा NH-766EE (4.27 किमी.) कर्नाटक, तीसरा NH-354B (4.61 किमी.) पंजाब है, तो राजस्थान का सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग-NH-919 (5 किमी.) अलवर, दूसरा NH-156 (930 किमी.) चित्तौड़गढ़, तीसरा NH-168A (10 किमी.) जालौर है।
31 मार्च, 2019 तक राजस्थान में राष्ट्रीय राजमार्ग
नई NH संख्या |
पुरानी NH संख्या |
कुल लम्बाई |
राजस्थान में NH लम्बाई |
वे राज्य जहाँ से गुजरता है |
राजस्थान में गुजरने वाले स्थान |
709 |
- |
248.59 |
60.30 |
हरियाणा, राजस्थान |
झुंझुनूं में पिलानी के
पास हरियाणा सीमा से चुरू में राजगढ़ रोड़ तक |
11 |
15,11 |
847.7 |
759.70 |
हरियाणा, राजस्थान |
जैसलमेर में म्याजलार से
बीकानेर चुरू-सीकर-झुंझुनूं में सिंघाना
के पास हरियाणा बॉर्डर तक । |
311 |
- |
46 |
46 |
राजस्थान |
झुंझुनूं में सिंघाना के
पास NH-11 से टीटनवाड़ा तक |
911 |
- |
459 |
459 |
राजस्थान |
जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, गंगानगर |
911A |
- |
30.81 |
30.81 |
राजस्थान |
बीकानेर |
919 |
71B |
72.90 |
5.00 |
हरियाणा, राजस्थान |
अलवर (हरियाणा के
रेवाड़ी से पलवल तक) |
21 |
11 |
465 |
200 |
राजस्थान, उत्तरप्रदेश |
जयपुर, दौसा, भरतपुर |
921 |
- |
48 |
48 |
राजस्थान |
अलवर, दौसा |
23 |
11B |
228 |
228 |
राजस्थान |
कोथून मोड़ (NH-52) जयपुर से दौसा-टोंक-सवाई माधोपुर
करौली-धौलुपर में NH-44 तक |
123 |
3A |
74.15 |
63 |
राजस्थान, उत्तरप्रदेश |
धौलपुर, भरतपुर |
25 |
112,14 |
483 |
483 |
राजस्थान |
बाड़मेर, जोधपुर, पाली, अजमेर |
125 |
114 |
176 50 |
176.50 |
राजस्थान |
जोधपुर, जैसलमेर |
325 |
- |
135 |
135 |
राजस्थान |
बाड़मेर, जालोर, पाली |
925 |
- |
136.50 |
136.50 |
राजस्थान |
बाड़मेर |
925A |
- |
63.10 |
63.10 |
राजस्थान |
बाड़मेर, जालोर (सत्ता-गांधव) |
27E.W. (पूर्वी पश्चिमी कॉरिडोर) |
2, 3, 8B, 8A, 15, 14, 76,
2528, 29, 57, 31 |
4112.62 |
640.90 |
पोरबंदर (गुजरात) से राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, भ प. बंगाल, असम में सिलचर तक |
सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़ भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, बारां |
927A |
31D, 31C, 37, 36, 54 |
350 |
3,13 |
राजस्थान, मध्यप्रदेश |
सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बाँसवाड़ा |
44 NS(उत्तर दक्षिण कॉरिडोर) |
- |
3717.64 |
28.00 |
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से हिमाचल प्रदेश-पंजाब-हरियाणा - दिल्ली - उत्तरप्रदेश - राजस्थान - मध्यप्रदेश - महाराष्ट्र-तेलंगाना आंध्रप्रदेश-कर्नाटक- तमिलनाडु में कन्याकुमारी तक |
धौलपुर |
48 GQ (Golden Quadri
-lateral) |
1A, 1, 2, 3, 75, 26, 7 |
2628.51 |
732.00 |
दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु में चेन्नई तक |
अलवर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर । स्वर्णिम चतुर्भुज
योजना प्रमुख शहर जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, अहमदाबाद, सूरत, पालघर, मुम्बई, बंग्लौर |
148 |
3, 8, 13, 79A, 79,
76, 84, 7, 46, 4 |
102.65 |
102.65 |
राजस्थान |
मनोहरपुर (जयपुर) से
दौसा से लालसोट तक |
148B |
11A |
427.00 |
20 |
राजस्थान, हरियाणा, पंजाब |
जयपुर, अलवर |
148C |
- |
47 |
47 |
राजस्थान |
जयपुर में NH-48 से NH-21 तक (जयपुर रिंगरोड़) |
148D |
- |
273.20 |
273.20 |
राजस्थान |
राजसमंद, भीलवाड़ा, बूंदी, टोंक |
148N |
- |
880 |
373.63 |
हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश गुजरात |
झालावाड़, कोटा, सवाईमाधोपुर, दौसा, अलवर |
248 |
- |
53.50 |
53.50 |
राजस्थान |
जयपुर (NH-48 पर) |
248A |
11C |
213 |
127.7 |
हरियाणा, राजस्थान |
जयपुर, अलवर |
448 |
- |
57.10 |
57.10 |
राजस्थान |
अजमेर (NH-48 किशनगढ़ से अजमेर-नसीराबाद में NH-48 तक) |
52 |
8,79 |
2125.75 |
706.60 |
संगरूर, पंजाब से हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र कर्नाटक में अंकोला तक |
चुरू, सीकर, जयपुर, टोंक, बूंदी, कोटा, झालावाड़ |
552 |
71, 65, 11, 12,3, 211, 13, 218,63 |
483.50 |
109.60 |
राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश |
टोंक, सवाई माधोपुर (मध्यप्रदेश सीमा
तक) |
552G |
116 |
222 |
30.00 |
राजस्थान, मध्यप्रदेश |
झालावाड़ |
752 |
- |
94.50 |
94.50 |
राजस्थान |
झालावाड़, बारां |
54 |
90 |
395.64 |
75.00 |
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान |
हनुमानगढ़ (कैंचिया तक) |
754K |
15, 64 |
1015 |
630.91 |
राजस्थान, गुजरात |
हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, जालौर |
954 |
- |
44.63 |
44.63 |
राजस्थान |
हनुमानगढ़, गंगानगर |
56 |
- |
716.2 |
235.20 |
राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश गुजरात |
चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बाँसवाड़ा |
156 |
79, 113 |
9.30 |
9.30 |
राजस्थान, |
चित्तौड़गढ़ |
58 |
79 |
678.7 |
526.70 |
गुजरात, राजस्थान |
सीकर, नागौर, अजमेर, राजसमंद,उदयपुर |
158 |
65, 89, 8 |
134.80 |
134.80 |
राजस्थान |
नागौर, पाली, अजमेर, भीलवाड़ा |
458 |
- |
282.50 |
282.52 |
राजस्थान |
नागौर, पाली, राजसमंद |
758 |
65A |
156 |
156 |
राजस्थान |
राजसमंद, भीलवाड़ा |
62 |
76B |
741.50 |
699 |
पंजाब, राजस्थान |
गंगानगर, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, पाली, सिरोही |
162 |
15, 65, 14 |
309.90 |
309.90 |
राजस्थान |
पाली, राजसमंद, उदयपुर |
162A |
14 |
50.50 |
50.50 |
राजस्थान |
उदयपुर, राजसमंद |
68 |
- |
689.88 |
421.88 |
राजस्थान, गुजरात |
जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, |
168 |
- |
144 |
77 |
गुजरात, राजस्थान |
सिरोही |
168A |
- |
76 |
10 |
राजस्थान, गुजरात |
जालौर |
968 |
- |
68 |
68 |
राजस्थान |
जैसलमेर (भादासर से
सरकारी ताला तक) |
70 |
- |
323 |
323 |
राजस्थान |
बाड़मेर, जैसलमेर |
ध्यातव्य रहे-राज्य में राज्य उच्चमार्गों की कुल लम्बाई 15517.51 किमी. है तथा राज्य में राज्य उच्चमार्गों की कुल संख्या 170 है जिसमें से सबसे बड़ा SH-94 (417.47 किमी.) व SH-1 (403 किमी.) है तो सबसे छोटा SH-34B (3 किमी.), SH-111A (8 किमी.) व SH-52A (10 किमी.) है। 9 मार्च, 2019 को केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने दिल्ली से विड़ियो कॉन्फ्रेंस के जरिये 6-लेन जयपुर रिंग रोड़ के कुल 47 किमी. में से 27 किमी. की जयपुर रिंग रोड़ का लोकार्पण किया।
रेल-परिवहन
रेलमार्ग की लम्बाई की दृष्टि से राजस्थान का भारत में दूसरा स्थान है (प्रथम-उत्तरप्रदेश) । है भारत में पहली रेलगाड़ी '16 अप्रेल, 1853' को 'बोरीबंदर (मुम्बई) से ठाणे' के मध्य 33.81 किमी. तक चली थी, तो राज्य में पहली रेलगाड़ी '21 अप्रैल, 1874' को 'आगरा फोर्ट (उत्तरप्रदेश) से बाँदीकुई (दौसा, राजस्थान) ' के मध्य चली थी।
राजस्थान में रेल लाइन के निर्माण हेतु रेलवे कम्पनी, रियासती शासकों व अंग्रेजों के मध्य 1865 में त्रिकोण समझौता हुआ, जिसके तहत जयपुर रियासत में सबसे पहले रेल सेवा शुरू की गई तो आजादी से पूर्व बीकानेर व जोधपुर रियासतों ने सर्वप्रथम अपने निजी रेलमार्ग स्थापित किये।
ध्यातव्य रहे- जयपुर को सर्वप्रथम रेल सेवा से जोड़ने का श्रेय माधोराज सिंह द्वितीय को, जोधपुर को सर्वप्रथम रेल सेवा से जोड़ने का श्रेय महाराजा तख्तसिंह को, बीकानेर को सर्वप्रथम रेल सेवा से जोड़ने का श्रेय महाराजा गंगासिंह को, कोटा को सर्वप्रथम रेल सेवा से जोड़ने का श्रेय महाराव उम्मेद सिंह को जाता है तो बूँदी में सर्वप्रथम रेल लाने का श्रेय किशन लाल सोनी (रेलबाबा) को जाता है।
देश की प्रथम रेल बस' इजरा' सन् 1939 में बनी तो 2 अक्टूबर , 1994 को राज्य में पहली रेल बस सेवा 'मेड़ता रोड़ से मेड़ता सिटी' के के मध्य चलायी गयी थी। भारत में 18 रेलवे क्षेत्र (Zone) एवं 73 रेलवे मण्डल (Division) हैं तो राजस्थान में 01 रेलवे क्षेत्र (Zone) एवं 05 रेलवे मण्डल (Division) हैं।
वर्तमान में राज्य का 'बीकानेर', 'जोधपुर', 'अजमेर', 'जयपुर' रेलवे मण्डल उत्तर पश्चिम रेलवे क्षेत्र के अधीन है, जिसका मुख्यालय 'जयपुर' में, जिसकी स्थापना 1 अक्टूबर, 2002 में हुई। राज्य का कोटा रेलवे मण्डल पश्चिम मध्य रेलवे के अधीन है इसका मुख्यालय मध्य प्रदेश के जबलपुर में है।
ध्यातव्य रहे राज्य का बयाना-आगरा व आगरा-बाँदीकुई रेलमार्ग उत्तर मध्य रेलवे के आगरा मण्डल के अधीन है। दिल्ली-अलवर रेलमार्ग उत्तरी रेलवे के दिल्ली मंडल के अधीन है, तो भरतपुर के रेलमार्ग उत्तर-मध्य रेलवे के झाँसी मंडल के अधीन है।
राजस्थान में रेलवे मार्गों की लम्बाई (मार्च, 2019)
रेलमार्ग |
कुल लम्बाई |
प्रतिशत |
ब्रॉडगेज |
4969.68 किमी. |
83.70% |
मीटरगेज |
880.56 किमी. |
14.83% |
नैरोगेज |
86.76
किमी. |
1.46% |
कुल |
5937 किमी. |
100% |
ध्यातव्य रहे-राज्य में रेलमार्ग का घनत्व 17.34 किमी. प्रति हजार वर्ग किमी. है, तो राज्य का 24.27 किमी. लम्बाई वाला नवीनतम रेलमार्ग अजमेर (मदार) पुष्कर 23 जनवरी, 2012 को शुरू हुआ। राज्य में देश कुल लम्बाई का 8.81% रेलमार्ग है।
11 अगस्त, 1879 को अजमेर में लोको कारखाना स्थापित किया गया जिसमें 1895 में पहला रेल ईंजन बनकर तैयार हुआ। सिमको वैगन फैक्ट्री भरतपुर की स्थापना 1957 में की गई, जिसे 13 नवम्बर, 2000 को बंद कर दिया गया, लेकिन 9 अक्टूबर, 2008 को टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड कम्पनी ने इसे फिर से शुरू किया। बाड़मेर के पचपदरा में रेलवे अनुसंधान एवं परीक्षण केन्द्र स्थापित है, जहाँ तेज गति (180 किमी प्रति घंटा) से चलने वाली ट्रेनों का प्रशिक्षण किया जाता है। राजस्थान में रेलवे भर्ती मण्डल 'अजमेर' में तथा प्रशिक्षण केन्द्र 'उदयपुर' में है। उदयपुर में देश का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष स्थित है।
ध्यातव्य रहे- राज्य की प्रथम सुपरफास्ट गाड़ी पिंक सिटी एक्सप्रेस (दिल्ली-जयपुर) है तो विश्व का प्राचीन कार्यरत ईंजन फेयरी क्वीन है।
एशिया का मीटर गेज का सबसे बड़ा रेलवे यॉर्ड जयपुर जिले के फुलेरा में था। राज्य की समस्त मीटर गेज (1 मी.) की लाईनों को ब्रॉड गेज (1.67 मी.) में बदलने के लिए 'यूनीगेज परियोजना' आगरा से चलाई जा रही है। राज्य में नैरो गेज (0.6 मी.) की ट्रेन केवल 'बाड़ी से धौलपुर' में चलती है।
जयपुर-सीकर मीटरगेज की रेलवे लाइन को 15 नवम्बर, 2016 से बन्द कर दिया गया है और इस लाइन को ब्रॉडगेज लाइन में बदला जा रहा है। जयपुर रियासत में इस लाइन का निर्माण 19 दिसम्बर, 1916 में किया गया, जिसका उद्घाटन लॉर्ड जेम्स फोर्ड ने किया था।
झालावाड़ जिले का भवानी मण्डी रेलवे स्टेशन आधा राजस्थान में एवं आधा मध्य प्रदेश में है, तो राजसमन्द जिले का गोरमघाट रेलवे स्टेशन सौर ऊर्जा से चालित है। बाँसवाड़ा व प्रतापगढ़ में कोई रेलगाड़ी नहीं जाती है, तो टोंक, करौली, सिरोही, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा पाँच जिला केन्द्रों पर रेलवे स्टेशन नहीं है।
ध्यातव्य रहे-केन्द्र सरकार के द्वारा सागवाड़ा से बाँसवाड़ा होते से हुए रतलाम के लिए रेल शुरू करने की योजना बनी है लेकिन अभी शुरू नहीं हुई है, जब शुरू हो जाएगी, तो केवल प्रतापगढ़ ही रेलगाड़ी से अछूता रहेगा।
भारत की प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय रेलें
- थार एक्सप्रेस- यह रेल मुनाबाव (बाड़मेर) से खोखरापार (पाकिस्तान) तक चलती है।
- समझौता एक्सप्रेस-यह रेल अटारी (पंजाब) से लाहौर (पाकिस्तान) तक चलती है।
- मैत्री एक्सप्रेस- यह रेल चित्तपुर (कोलकत्ता) से ढ़ाका (बांग्लादेश) तक चलती है।
ध्यातव्य रहे- भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन वन्दे मातरम् (15 फरवरी, 2019 को शुरू) है, जो 200 किमी / घंटा (120) मील/घंटा) की रफ्तार से नई दिल्ली से वाराणसी तक चलती है, तो भारत में लम्बी दूरी (4273 किमी.) तय करने वाली ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है, जो डिब्रुगढ़ (असम) से कन्याकुमारी (तमिलनाडु) तक (साप्ताहिक) चलती है।
विश्व का सबसे बड़ा रेलवे ट्रेक-यीवू-चीन से मेड्रिड (स्पेन) 6200 मील एवं ट्रांस साइबेरियन रेलवे- रूस में 6200 मील है, तो विश्व एवं भारत का सबसे बड़ा रेलवे प्लेटफार्म-गोरखपुर (उत्तरप्रदेश) 1380 मीटर है।
जयपुर मेट्रो परियोजना
जयपुर मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु राज्य सरकार द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लि. (जेएमआरसी) का रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी, 2010 को कम्पनी अधिनियम 1956 के तहत् किया गया। जयपुर शहर में मेट्रो रेल्वेज एक्ट 1978 एवं मेट्रो रेल्वेज एक्ट 2002 को 14 जनवरी, 2011 से लागू किया गया।
राज्य में प्रथम चरण के अंतर्गत जयपुर मेट्रो का पूर्व-पश्चिम कॉरिडोर मानसरोवर से चाँदपोल तक विस्तृत किया गया। जयपुर मेट्रो रेल कॉरर्पोरेशन लि. तथा दिल्ली मेट्रो रेल कॉरर्पोरेशन के बीच 5 अगस्त, 2010 को अनुबंध हुआ तो राज्य में प्रथम चरण का शिलान्यास 24 फरवरी, 2011 को किया गया। जयपुर मेट्रो रेल प्रणाली भारत की छठी रेल प्रणाली है।
शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 27 नवम्बर, 2015 को जयपुर मेट्रो रेल परियोजना प्रथम चरण-ए को 'बेस्ट अरबन मास ट्रांजिट प्रोजेक्ट' केटेगरी में विशेष पुरस्कार प्रदान किया गया।
ध्यातव्य रहे-चाँदपोल स्टेशन जयपुर के नौ मेट्रो स्टेशनों में भूमिगत स्टेशन है। देश का पहला मेट्रो स्टेशन जयपुर मेट्रो का 'विवेक विहार मेट्रो स्टेशन' होगा, जहाँ पूर्ण रूप से एलईडी लाइट्स होंगी, तो देश का एकमात्र महिला शक्ति मेट्रो स्टेशन जयपुर का 'श्याम नगर मेट्रो स्टेशन' है।
आमजन की सुविधा के लिए रेलवे ने 13 जुलाई, 2018 को बीकानेर से बिलासपुर के मध्य प्रदेश में पहली अंत्योदय साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की, जिसके तहत यात्रियों को शुद्ध पेयजल, मोबाइल चार्जर, बायो टॉयलेट व कचरापात्र जैसी सुविधाएँ मिलेगी। राजस्थान प्रदेश के जोधपुर वर्कशॉप में देश की पहली संपूर्ण सौलर ट्रेन तैयार की हैं। उत्तर-पश्चिमी रेलवे मण्डल (जयपुर) के गाँधी नगर स्टेशन जयपुर को देश का पहला महिला संचालित रेलवे स्टेशन बनाया गया है।
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राज्य में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (ढुलाई) गलियारा) का निर्माण साखून रेलवे स्टेशन (दूदू) से अजमेर के मध्य निर्मित कर 30 दिसम्बर, 2018 को परीक्षण किया गया। भारत में बनने वाली दूतगामी एवं साधारण ट्रेनों की टेस्टिंग एवं ट्रायल रन ट्रेक नावां में सांभर झील के किनारे बनाया जा रहा है, जो देश का ऐसा पहला रेलवे स्टेशन ट्रालय है, जिसकी लम्बाई 25 किमी. है, जो गुदासाल्ट-नावां-मीठड़ी तक बनाया जाएगा।
21 फरवरी, 2019 को झुंझुनूं स्टेशन पर नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम (NTES) का शुभारम्भ किया गया, जिससे ट्रेनों के आगमन व प्रस्थान की सटीक जानकारी के साथ ही ट्रेन की स्टेशन से वास्तविक दूरी की जानकारी प्राप्त होती है।
वायु परिवहन
राजस्थान में सर्वप्रथम 1929 में जोधपुर के महाराजा श्री उम्मेदसिंह ने फ्लाइंग क्लब खोला था। एयरफोर्स फ्लाईंग कॉलेज जोधपुर में स्थित है। नागरिक उड्डयन गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु राज्य में 1 अप्रैल, 2012 को नागरिक उड्डयन विभाग के नियंत्रणाधीन निदेशालय नागरिक विमानन स्थापित किया गया।
राज्य सरकार द्वारा सभी जिलों को हवाई सुविधा से जोड़ने हेतु मैसर्स ओआईएस एयरो स्पेस प्रा.लि. नई दिल्ली के साथ 28 अक्टूबर, 2014 को MOU किया जो मुख्य पर्यटक स्थलों को सेवाएँ उपलब्ध करायेगा।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छोटे शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए वीजीएफ के आधार पर अन्तराज्यीय हवाई सेवा योजना शुरू की गई है। जयपुर से कोटा हेतु सीधी हवाई सेवा 18 अगस्त, 2017 से प्रारम्भ कर दी गई है। सितम्बर माह में कोटा से नई दिल्ली की हवाई सेवा भी शुरू कर दी गई। शीघ्र ही अजमेर, जैसलमेर एवं रणथम्भौर व आगरा से तथा बीकानेर को सीधे नई दिल्ली से हवाई सेवाओं से जोड़ने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
राजस्थान के प्रमुख हवाई अड्डे
1. जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, सांगानेर (जयपुर) यह भारत का 14वाँ अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है, जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय (CAM) द्वारा संचालित है। सांगानेर एयरपोर्ट (जयपुर) 4 जी स्पीड में वाई-फाई सुविधा प्रदान करने वाला देश का पहला एयरपोर्ट है।
ध्यातव्य रहे - किशनगढ़ (अजमेर) हवाई अड्डा एवं महाराणा प्रताप हवाई अड्डा (डबोक, उदयपुर) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए प्रस्तावित हैं। राजस्थान एयर कार्गों कॉम्पलेक्स सांगानेर (जयपुर) में स्थित है।
सामरिक रूप से प्रयोग में लिये जाने वाले हवाई अड्डे-
- रातानाड़ा हवाई अड्डा (जोधपुर) - IAF (Indian Airforce) द्वारा संचालित यह हवाई अड्डा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। सामान्य स्थिति (शांतिकाल) में यह नागरिकों की उड़ानों के लिए भी उपयोग में आता है।
- जैसलमेर हवाई अड्डा-IAF( Indian Airforce) यहाँ भूमिगत हवाई अड्डा प्रस्तावित है।
- उत्तरलाई - बाड़मेर - IAF (Indian Airforce) यह एक भूमिगत हवाई अड्डा है।
- सूरतगढ़ - श्रीगंगानगर - IAF (Indian Airforce)
- नाल- बीकानेर - IAF (Indian Airforce) यह एक भूमिगत हवाई अड्डा है।
झालावाड़ के कोलाना में पिरामिड आकृति में नया अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट बनना प्रस्तावित है। अभी यहाँ हवाई पट्टी है। राज्य में पहला ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट जयपुर-दिल्ली हाइवे पर नीमराणा (अलवर) में बनाया जायेगा, तो दिल्ली-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन द्वारा कोटकासिम (अलवर) में प्रदेश का पहला 'एयरोट्रोपोलिस' एयरपोर्ट बनाया जा रहा है, जहाँ कार्गो व यात्री हवाई जहाज उतर सकेंगे।
केन्द्र सरकार की 'उड़े देश का आम नागरिक' योजना के तहत प्रदेश के लगभग हर जिले में स्थित हवाई पट्टियों के उपयोग के लिए कार्य किया जायेगा। जयपुर जिले में 'मनोहरपुर' के समीप निजी क्षेत्र अड्डा प्रस्तावित है, जैसलमेर में राज्य का पाँचवां सिविल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है।
पाईप लाइन परिवहन
- जामनगर (गुजरात) - लोनी (उत्तर प्रदेश ) = यह भारत की सबसे लम्बी एलपीजी (LPG) गैस (घर में प्रयुक्त होने वाली गैस) की लाइन है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी गैस ऑथिरीटी ऑफ इण्डिया (गेल /GAIL) कम्पनी की है। ध्यान रहे-राजस्थान में बांदर सींदरी (किशनगढ़) के पास गादेरी गाँव में इसका प्लांट है।
- हजीरा (गुजरात) - बिजापुर (मध्यप्रदेश) - जगदीशपुर ( उत्तरप्रदेश ) (HBJ) = यह भारत की सबसे लम्बी प्राकृतिक गैस (Natural Gase) की लाइन है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी गेल (GAIL) कम्पनी की है।
- वीरमगाँव (गुजरात) चाकसू ( राजस्थान ) पानीपत (हरियाणा) - लुधियाना (पंजाब) (VCPL ) यह भारत की पेट्रोलियम (I.O.C.) गैस की लाइन है, जिसमें से पेट्रोल, डीजल एवं कैरोसीन जाता है, जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी गेल (GAIL) कम्पनी की है।
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