History of Maharana Raj Singh in Hindi 1652 - 1680

महाराणा राजसिंह 1652-1680

History of Maharana Raj Singh in Hindi
Maharana Raj Singh 1652 - 1680

1615 की मुगल मेवाड़ संधि का  उल्लंघन करते हुए जगत सिंह प्रथम के पुत्र राज सिंह प्रथम के समय चितौड़ दुर्ग का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ तथा इस समय दिल्ली के बादशाह शाहजहां ने सादुल्ला खान को भेज कर इस निर्माण कार्य को ध्वस्त करवा दिया  इस कारण दोनों के मध्य कटु संबंधों का निर्माण हुआ यही कारण था कि जब 1658 में शाहजहां के चार पुत्रों के मध्य उत्तराधिकारी संघर्ष प्रारंभ हुआ तो राज सिंह ने शाहजहां समर्थित बड़े पुत्र दारा शिकोह का समर्थन नहीं किया

History of Maharana Raj Singh in Hindi 1652 - 1680


  •  विश्व इतिहास में राज सिंह अकेला ऐसा शासक है जिसने अपने राज्य अभिषेक के अवसर पर रत्नों का तुलादान करवाया था 
  • राज सिंह की उपाधि विजय कटकातू थी राज सिंह ने टिका दौड़ परंपरा को पुनर्जीवित किया 

maharana raj singh vs aurangzeb

  • उत्तराधिकारी युद्ध के समय औरंगजेब ने राज सिंह  से सहायता प्राप्त करने के लिए उसे बार-बार पत्र लिखें लेकिन राज सिंह ने उसके शासक बनने के बाद ही खजुआ के युद्ध में अपने पुत्र सरदार सिंह को भेजकर उसकी सहायता की 
  • 1659 में राज सिंह ने किशनगढ़ की राजकुमारी चारुमती के साथ विवाह कर ओरंगजेब को नाराज कर दिया इस समय औरंगजेब द्वारा भेजी गई सेना का सामना करने के लिए  सरदार रतन सिंह को भेजा गया उसके द्वारा अपनी नवविवाहित पत्नी से निशानी मांगने पर उस हाड़ी रानी सहल  कंवर ने अपना सिर काट कर  भेज दिया 
  • राजसमंद झील का निर्माण महाराणा राजसिंह ने 1 जनवरी 1662 से 30 जनवरी 1676 के मध्य गोमती नदी के जल को रोककर करवाया गया 
  • नौ चौकी पाल पर काले पत्थर की 25 सीटों पर महाराणा राजसिंह ने रणछोड़ भट्ट तैलंग द्वारा संस्कृत में राजप्रशस्ति नामक काव्य लिखवाया विश्व के सबसे बड़े शिलालेख में प्रारंभ से लेकर राज सिंह तक का मेवाड़ का इतिहास लिखा गया है 
  • 1672 में श्री नाथद्वारा में राज सिंह ने श्रीनाथ जी की प्रतिमा स्थापित करवाई तथा कांकरोली में द्वारकाधीश की प्रतिमा स्थापित करवाई वह मंदिर का निर्माण करवाया यह दोनों ही मंदिर वल्लभ संप्रदाय के प्रसिद्ध केंद्र है
  • 1679 में औरंगजेब द्वारा जजिया कर लगाने पर राज सिंह अकेला हिंदू शासक था जिसने पत्र लिखकर औरंगजेब के इस कार्य का विरोध किया 
  • 1680 में राज सिंह और दुर्गादास राठौड़ के बीच राठौर सिसोदिया गठबंधन जिसका उद्देश्य बालक अजीत सिंह जसवंत सिंह के पुत्र को मारवाड़ का शासक बना था
  • धींगा गणगौर सिर्फ उदयपुर में ही बनाई जाती है इसका समय वैशाख कृष्ण तृतीया धींगा गणगौर का प्रारंभ राज सिंह के द्वारा ही किया गया था भाद्रपद कृष्ण तृतीया को बड़ी तीज मनाई जाती है

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